तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में चल क्या रहा है?

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में चल क्या रहा है?

 तो आखिरकार अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा हो ही गया। अब तो सब की नज़र बस इस पर रहेगी की तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में चल क्या रहा है? सोशल मिडिया पर वहाँ के बहुत से वीडियो और फोटो आये हुए हैं।

A poster showing scenes of Afghanistan under Taliban
Scene of Afghanistan


वैसे हम भारतवासियों नें अभी कुछ दिन पहले ही अपनी आजादी का जश्न मनाया है। अगर हमें आज़ादी की कीमत क्या होती है ये जानना है तो भी अफगानिस्तान के लोगों की छिनती हुई आजादी को देखना चाहिए। आजादी छीने जाने की शुरुआत कैसे होती है तालिबानी-अफगानिस्तान को देख कर पता लग जायेगा।

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तो आइये जानते हैं की तालिबानी -अफगानिस्तान में अभी क्या चल रहा हैं :

लोग डर के भाग रहे हैं

लोगों में इतना डर, इतना खौफ है की लोग अफगानिस्तान में रुकना नही चाहते। काबूल के एयरपोर्ट पर लोगों का सैलाब आ गया। लोग कैसे भी कर के अफगानिस्तान से निकलना चाह रहे हैं। इसके लिए लोग गोलियों के बीच से एयरपोर्ट की तरफ भाग रहे हैं।

अमेरिका के मिलिट्री जहाज में जबरदस्ती भरे लोगों की तस्वीर तो आप लोगों नें देखी ही होगी। कुछ लोग तो जहाज के पहिए को पकड़ कर भी जाने की कोशिश कर रहे थे। दो लोगों को आसमान से टपकते हुए आपने एक वीडियो में देखा ही होगा।


सबसे बड़ी कीमत महिलाएं चुकाती हैं

अफगानिस्तान के कब्जे की सबसे बड़ी कीमत महिलाओ को ही चुकानी है। किसी और की आज़ादी भले ही ना जाए लेकिन वहाँ की महिलाए तो गुलाम बन चुकी हैं। उनके रहन सहन और पहनावे में बदलाव आए गया हैं। महिलाओ को केवल भोग की वस्तु समझा जाता है। खाना बनाओ, बच्चे पैदा करो और मर्दो की शारीरिक जरुरत को पूरा करो बस यही एक महिला का बजूद हैं तालिबानियों के लिए।

अगर किसी ने महिलाओ पर अत्याचार की तस्वीरें नही देखी हो तो इस वीडियो को देख लें। क्या महिलाओं को जीने का कोई हक़ नहीं?

महिलाएं ना नौकरी कर सकती हैं, ना गाना गा सकती हैं, ना नाच सकती हैं, ना सिनेमा देख सकती हैं और यहां तक की गाना भी नही सुन सकती हैं। बस बुर्के में लिपटे हुए गुलामी करते रहना ही इनका नसीब हैं।

सुनसान सड़कें

अफगानिस्तान की सड़कें सुनसान है क्योंकि लोगों में इतनी दहशत है कि बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हो रही है।

महिलाओ के पोस्टर नहीं दिखेंगे

लोगों नें डर के मारे अपनी दुकानों और घर के सामने से महिलाओ के पोस्टर और तस्वीरें हटाना शुरू कर दिया है क्योंकि अगर वो रहेंगे तो मालिक तालिबानियों के हत्थे चढ़ जायेगा। मतलब साफ है कि महिलाओं के साथ जानवरों जैसा बर्ताव ही किया जाना है।


बच्चों की हालत दर्दनाक

कुछ लोग तो अपने बीबी बच्चों को भी छोड़ कर अफगानिस्तान से भागने की कोशिश कर रहे हैं और कुछ बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने अपने परिवार वालों को खो दिया है।


अमेरिका क्या कर रहा है?

अमेरिका नें अपने लोगों और जवानों को अफगानिस्तान से वापस लाने का काम तेज कर दिया है। अमेरिका राष्ट्रपति जो बाईडन नें कहा हैं की उसके लोगों और सैनिकों नें अफगानिस्तान के लिए बहुत त्याग किया है। अब वो इस युद्ध को यही ख़तम कर रहा हैं और अपने लोगों और सैनिकों को वापस बुला रहा है। ट्वीट करके अमिरीकी राष्ट्रपति नें ये भी कहा कि अफगानिस्तान की इस हालत की जिम्मेदार वहाँ की सरकार है और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति लड़ने की बजाय वहाँ से भाग निकले।

भारत में बहस 

भारत भी अपने लोगों को अफगानिस्तान से सही सलामत वापस लाने का काम बहुत पहले से ही कर रहा है।

इसी बीच भारत में कुछ सवालों को लेकर बहस छिड़ गई है। इन सवालों में दो प्रमुख सवाल हैं :

  • क्या भारत को अफगानिस्तान के शरणर्थियों को शरण देनी चाहिए?
  • भारत अफगानिस्तान को तालिबान से बचाने के लिए अमेरिका की तरह सैनिक क्यों नहीं भेजे ?
इन सवालों के लिए आपके क्या जवाब हैं कृपया नीचे कमेंट कर के बतायें।

Shree Gangasagar

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम है सत्येंद्र सिंह founder of ShreeGangasagar.com

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