नफरत शायरी | nafrat shayari in hindi

नफरत शायरी | nafrat shayari in hindi



nafrat shayari नफरत शायरी ।नफरत थी कभी जिन अंधेरो से आज प्यार भी उन अंधेरो से है

nafrat shayari नफरत शायरी ।नफरत थी कभी जिन अंधेरो से आज प्यार भी उन अंधेरो से है

nafrat shayari नफरत शायरी ।नफरत थी कभी जिन अंधेरो से आज प्यार भी उन अंधेरो से है



✍   उसकी नफरत भरी नजरों के तीर 
         मेरी जान लेने का बहाना था,
         मेरे दिल के टुकडे हो गया और 
         लोगों ने कहा क्या निशाना था।

Uski nafrat bhari nazron ke teer
Meri jaan lene ka bahana tha 
Mere dil ke tukde ho gye or 
Logon ne kaha kya nishana tha. 


कभी वक़्त था के शायरो से नफरत थी मुझे
फिर वक़्त ने नफरत की ओर मुझे ही शायर बना डाला.

Kabhi waqt tha ki shayaron se nafrat thi mujhe
Fir waqt ne Nafrat ki or mujhe shayar bna diya. 

नफरत थी कभी जिन अंधेरो से 



नफरत थी कभी जिन अंधेरो से
 आज प्यार भी उन अंधेरो से है




कौन कहता है की सिर्फ मोहब्बत में ही दर्द होता है,

कभी हद से ज्यादा नफरत भी बहुत तकलीफ देती ।।।



जब नफरत करते करते थक जाओ,

तो प्यार को भी एक मौका दे देना ....



धोकेबाज नही हूं साहब।'
'बस उन लोगो का साथ छोड़ दिया,'
'जिसे रिश्तों से ज्यादा खुद पर घमण्ड था।'



दिलों में गर पली बेजा कोई हसरत नहीं होती,
हम इंसानों को इंसानों से यूँ नफरत नहीं होती.




बैठ कर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया,
उनकी नफरत ने तोड़े बहुत मेरी वफ़ा के घर।



मुझसे नफरत की अजब राह निकली उसने,
हँसता बसता दिल कर दिया खाली उसने,
मेरे घर की रिवायत से वोह खूब था वाकिफ,
जुदाई माँग ली बन के सवाली उसने।

उसने नफ़रत से जो देखा


उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।

Shree Gangasagar

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम है सत्येंद्र सिंह founder of ShreeGangasagar.com

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