कर्नाटक के मध्य में स्थित कोलार शहर में, कोटिलिंगेश्वर मंदिर है, जो एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव का स्रोत है। मंदिर में विराजमान 1 करोड़ शिवलिंगों का अद्वितीय संग्रह है, जो प्रत्येक शिवलिंग में दिव्य ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। यहां का आध्यात्मिक माहौल हर यात्री को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने पे आमंत्रित करता है।
मंदिर के परिसर में पहुंचते ही, यात्री एक विशेष दृश्य से स्वागत होता है, जो विभिन्न आकार और आकृतियों के शिवलिंगों की एक सुंदर श्रृंगारभरी श्रृंगाराराधना को प्रदर्शित करता है। यह स्थान आध्यात्मिकता का अद्वितीय समन्वय है, जहां हर शिवलिंग अपने-आप में एक पूर्णता का प्रतीक है।
सदियों से, कोटिलिंगेश्वर ने आध्यात्मिक समृद्धि का संदेश दिया है, जहां भक्तजन प्रार्थनाओं और ध्यान में लिपटे हैं, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हैं। विशेषकर, महा शिवरात्रि के दिन मंदिर में उमड़ता है, जब भक्तों की भीड़ में एक अद्वितीय आत्मसमर्पण और आत्मविश्वास का महौत्सव होता है।
कोटिलिंगेश्वर का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है जो सभी वर्गों के लोगों को एक साथ लाने में सफल होता है। यहां आध्यात्मिक संबंध से उत्पन्न एकता और सहिष्णुता का संदेश है, जो समृद्धि और सुख की प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन करता है।
सूर्य की किरणों के साथ, कोलार में कोटिलिंगेश्वर एक अद्वितीय प्रकाश के साथ खड़ा होता है, जो समय और स्थान के पार, ध्यान और आदर्श पूजा का प्रतीक है। यहां की विशेषता यह है कि यह न केवल एक तीर्थस्थल है, बल्कि एक आध्यात्मिक सागर भी है जो भक्तों को नए ऊचाइयों तक पहुंचने में मदद करता है।
इस प्राचीन और प्रेरणादायक स्थल का अद्भुतता मात्र शब्दों में नहीं बताई जा सकती है; इसमें छिपा हुआ आनंद वहां भ्रमण करके और कुछ देर मंदिर परिसर में रुक कर ही लिया जा सकता है।
ऊपर video link में आप कोटिलिंगेश्वर मंदिर परिसर के बारे में थोड़ा सा अंदाजा ले सकते हैं और फिर जब भी मौका मिले तब वहां जा कर भगवान भोलेनाथ के भक्ति में लीन हो सकते हैं।
जय भोलेनाथ!