बिजली का झटका लगने पर दी जाने वाली प्राथमिक चिकित्सा :-
1. स्विच ऑफ करें। यदि यह संभव नहीं है, तो सूखी लकड़ी या किसी कुचालक सामग्री के साथ खुद को सुरक्षित रखें और बिजली के तार से पीड़ित को हटाकर दूर करें। अपने नंगे हाथों से तब तक पीड़ित को स्पर्श न करें जब तक कि वह कंडक्टर या बिजली के उपकरण से स्पष्ट दूर न हो। लेकिन समय भी बरबाद नहीं होना चाहिए।
2. (क) पीड़ित को सीधा लिटाकर चित्त स्थिति में रखें। (चित्र-1)
(ख) सिर को एक दिशा में मोड़ कर के मुंह को खोलें और पानी, खारा, बलगम या रक्त को जो गले में पीछे की ओर जमा हो सकता है,साफ करके श्वास नली को Clear करें।
3. जबड़े कठोर हों, तो निचले जबड़े के दाढ़ के दांतों के पीछे मसूड़े पर दबाव डालकर मुंह खोलने की कोशिश करें। जब ऊपरी वायु मार्ग साफ हो जाता है, तो सिर को पीछे की ओर झुकाएं और जबड़े को कान के सामने जबड़े के कोण से आगे झुकाएं। इससे ऊपरी वायुमार्ग में यांत्रिक अवरोधों को रोका जा सकेगा। (चित्र 2-3)
4. (क) फिर एक हाथ से ठोड़ी को पकड़ें और पीड़ित के नथुने को दूसरे हाथ से आगे पिन्च करें।
(ख) बहुत गहराई से साँस लें और अपना मुँह पीड़ित के मुँह पर रखें और उसके मुँह में तब तक फूँकें जब तक कि पीड़ित की छाती और फेफड़े फूलने का संकेत न दे दे। (ठोड़ी को हिलने न दें।) (चित्र 4)
5. जब छाती ऊपर चली गई है, तो अपना मुंह वापस ले लें और छाती को पीछे आनें दें।
तीन से चार सेकंड के लिए इस प्रक्रिया को दोहराएं जब तक कि पीड़ित फिर से सांस लेना शुरू न करे या जब तक कि वहाँ मेडिकल अटेंडेंट न आ जाए। इस विधि को एंबुलेंस में मरीज की पारगमन (transit) के दौरान दुर्घटनास्थल से निकटतम चिकित्सा केंद्र तक पहुंचने तक जारी रखा जा सकता है।
डॉक्टर के लिए किसी और को भेजें। पीड़ित को गर्म रखें और उसके कपड़ों को ढीला करें। इसके लिए पैर और हाथ के तलवो को लगातार मलते रहें। पीड़ित को होश में आने तक पानी नहीं देना चाहिए।